गुलमोहर सिर्फ, बगीचे को ही सुंदर, नहीं बनाता ,बल्कि सेहत को भी, दुरुस्त करता है

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गुलमोहर के सुन्दर फूलों से घर की शोभा बढ़ाने के साथ साथ गुलमोहरका पेड़ लगाने के क्या-क्या फायद हो सकते हैं, ये कम ही लोग जानते होंगे. हम आपको बताएंगे कि कैसे ये आपके सेहत के लिए बहुत अच्छा साबित हो सकता है.

आपने कई बार गुलमोहर का पेड़ और उनके खिले सुन्दर फूलों को सड़कों और पार्कों में देखा होगा लेकिन ऐसा कम ही देखने को मिला होगा की ये पेड़ किसी के घर के गार्डन में लगा हो. ऐसा इसलिए है क्योंकि लोगों को गुलमोहर के फायदों के बारे में जानकारी नहीं होती.

आपको बता दें कि गुलमोहर दो प्रकार के होते हैं. पीला गुलमोहर और लाल गुलमोहर. गर्मी के मौसम में ये पेड़ लाल और पीले फूलों से भर जाते हैं जो देखने में तो खूबसूरत लगते ही हैं, साथ ही कई प्रकार के सेहत लाभ देने में भी मदद करते हैं. आइए, आज आपको गुलमोहर के फायदों के बारे में बताते हैं.

गठिया रोग में राहत देता है
अगर आपको गठिया के रोग हो तो इस रोग से राहत पाने के लिए आप पीले गुलमोहर के पत्तों को पीसकर इसका लेप इस्तेमाल कर सकते हैं. इसके साथ ही आप पत्तों का काढ़ा बनाकर इस पानी से भाप लेकर भी अपनी समस्या को कम कर सकते हैं. इससे आमवात की वजह से होने वाले दर्द में आराम मिलता है.

ल्यूकोरिया की दिक्कत कम करता है
महिलाओं की समस्या ल्यूकोरिया को कम करने में भी गुलमोहर मदद करता है. इसके लिए आप पीले गुलमोहर के तने की छाल को पीसकर, इसके एक-दो ग्राम पाउडर या फिर फूलों के पाउडर का सेवन कर सकते हैं.

दस्त की दिक्कत दूर करता है
अक्सर खाने पिने में गड़बड़ी हो जाती है जिसके चलते दस्त की दिक्कत हो जाती है तो इसके लिए आप गुलमोहर के तने की छाल का पाउडर बना कर एक-दो ग्राम तक इसका सेवन कर सकते हैं.

हर्पिज़ या विसर्प की दिक्कत को कम करने में भी गुलमोहर अच्छी भूमिका निभाता है. इसके लिए आप पीले गुलमोहर के पत्ते और फूल को दूध के साथ पीस कर पेस्ट बना कर इस्तेमाल कर सकते हैं.

घाव की सूजन कम करता है
गुलमोहर का इस्तेमाल घाव की सूजन को कम करने के लिए भी कर सकते हैं. इसके लिए आप पीले गुलमोहर के पत्तों को पीस कर इसका पेस्ट बना कर सूजन वाली जगह पर लगा सकते हैं. इसके साथ ही गुलमोहर के पत्तों का काढ़ा बना कर इससे अपने घाव की सफाई भी कर सकते हैं.

Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं. इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें.)

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